पूर्णिया के कसबा थाना क्षेत्र में जान से मारने की धमकी मिलने के बाद थाने में जान बचाने का आवेदन देकर लौट रहे युवक को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी. परिजनों ने पुलिस को अपराधियों से मिले होने का आरोप लगाया है.
बिहार के पूर्णिया में 18 एकड़ जमीन के विवाद में युवक की हत्या कर दी गई. युवक को जब जान से मारने की धमकी मिली तो थाने जाकर जान बचाने की गुहार लेकर गया था. जैसे ही वो थाने से बाहर निकला बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. आपको बता दें कि इसी जमीन विवाद में एक साल पहले उसके बड़े भाई की भी हत्या हुई थी.
मामला पूर्णिया के कसबा थाना क्षेत्र के सब्दलपुर का है. जहां जान से मारने की धमकी मिलने के बाद थाने में जान बचाने का आवेदन देकर लौट रहे युवक को दिनदहाड़े अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. परिजनों ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही बरतने और बदमाशों से मिलीभगत का आरोप लगाया है. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच में जुट गयी.
जानकारी के कसबा थाना क्षेत्र के सब्दलपुर रहने वाले दयानंद ठाकुर जमीनी विवाद को लेकर थाने पर आवेदन देने गये थे. वे आवेदन देकर घर लौट रहे थे तभी पहले से घात लगाये बैठे अपराधियों ने खोपा कट्टी गांव के समीप उन पर ताबडतोड़ गोलियां बरसायी और फरार हो गये. गोलियों की आवाज सुनकर पहुंचे स्थानीय लोग उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गये. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि जमीनी विवाद में पिछले साल भी इसी परिवार के एक अन्य युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बताया जा रहा हैं की दयानन्द ठाकुर का अपने ही भाई नरेश ठाकुर से 18 एकड़ खेती की जमीन को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है. जमीन विवाद को लेकर युवक को एक दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली थी. धमकी मिलने के बाद रविवार को पिता जी कसबा थाना शिकायत करने गए थे. शिकायत करने के बाद थाने से घर लौट रहे थे. तभी उन पर गोलियों से मार दिया गया
मृतक की बेटी ने हत्या का आरोप अपने ही संबंधी नरेश ठाकुर, प्रमोद मिश्रा, चंदन मिश्रा, विक्रम झा, नीरज झा, आशीष झा, आलोक झा सहित कई सगे संबंधियों पर लगाया है. परिजनों ने बताया कि धमकी के बाद पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई थी. वह इस धमकी से सहमे हुए थे. एक साल पूर्व कुछ ऐसी ही घटना हो चुकी है. उन्होंने थाने में आवेदन दिया मगर पुलिस ने आवेदन को गंभीरता से नहीं लिया. परिजनों ने पुलिस पर साजिशकर्ता के साथ मिले होने की बात कही है. पुलिस को इस घटना की भनक पूर्व में ही थी. मगर थाने तक अभियुक्तों की ओर से मुंह मांगी रकम भेजी जाती है. जिसके चलते पुलिस वाले अपराधियों का साथ देते हैं.
हालांकि इस संबंध में एएसआई मनोज पासवान ने बताया कि मृतक ने आवेदन दिया था. पुलिस उनके पीछे जा रही थी. इतने में गोली मारने की घटना हो गयी. पुलिस मामले की जांच कर रही है. घटना में शामिल सभी अपराधी फरार हैं.