– विरोध में दो दिवसीय हड़ताल में आशा के साथ आशा फैसिलेटर भी शामिल
– हड़ताल के कारण पीएचसी के काम काज हुए प्रभावित
मोतिहारी/राजन द्विवेदी। आशा की राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय हड़ताल को लेकर जिला मुख्यालय सहित प्रखंड क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता और फेसिलेटरों ने शुरू कर जुलूस निकाल प्रदर्शन करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए। कहा कि शीघ्र मांग पूरा नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी।
कहा कि मासिक सम्मानजनक मानदेय, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन की मांग पर आल इंडिया स्कीम वर्कर्स के संयुक्त प्लेटफॉर्म के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल हुआ है। बिहार में कोरोना काल की तय और अर्जित राशि भी आशाओं को नही मिली हैं। बिहार सरकार की बेरुखी भी शामिल है। कोरोना काल की पारिश्रमिक भुगतान नहीं होना अक्षम्य अपराध है। अर्जित बकाये के साथ राज्य सरकार द्वारा तय 1000 रुपये की मासिक पारितोषिक राशि तक का भुगतान नही हुआ है। आशाओं से सभी तरह का काम सरकार लेती है। यहां तक कि चुनावी ड्यूटी में भी लगाती है। लेकिन उन्हें विभागीय कर्मचारी घोषित करने और मासिक मानदेय देने से सरकार भाग रही है। इस संयुक्त हड़ताल में सैकड़ों आशा-आशा फैसिलिटेटर ने हिस्सा ली हैं। इस हड़ताल के कारण पीएचसी पर कामकाज ठप रहा। आवश्यक और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़ सारे कामकाज प्रभावित हुए हैं।