सीतामढी़/रविशंकर सिंह।
भारतरत्न तथा मैगसेसे एवार्ड से सम्मानित,सर्वोदयी नेता तथा संपूर्णक्रांतिआन्दोलन के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश की 119वीं जयन्ती जिला सर्वोदय मंडल, सीतामढी के तत्वावधान में खादी भण्डार परिसर में जिला अध्यक्ष डा.आनन्द किशोर की अध्यक्षता में आयोजित की गई।जे पी के चित्र पर माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि के बाद कवि बच्चा प्र. विह्वल तथा सुरेश लाल कर्ण द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रकवि दिनकर की कविता”कहते हैं उसको जयप्रकाश जो नही मरण से डरता है,ज्वाला को बुझते देख अग्नि मे स्वंय कूद जो पडता है”तथा “सिंहासन खाली करो की जनता आती है” कविता से परिचर्चा का शुभारंभ हुआ।इस मौके पर पूर्व विधायक तथा प्रशिद्ध समाजवादी नेता कवि मोहनलाल शर्मा द्वारा जेपी पर रचित कविता का पाठ उनके पुत्र शिक्षाविद् शशिधर शर्मा ने किया।
विषय प्रवेश कराते हुए पूर्व प्राचार्य डा.आनन्द किशोर ने कहा कि देशआज1974 से ज्यादा गंभीर संकट में है ’74आन्दोलन से जुडे़ लोग हीं सता मे आकर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के साथ नागरिक अधिकारों का गला घोंट रहें है और सवाल उठाने वालों को हीं देशद्रोही करार देने के साथ गिरफ्तारी,दमन तथा उपेक्षा कर रहें हैं।उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने टिपण्णी की है कि संसद तथा विधानसभा में जो वहश होना चाहिए नही हो रहा है।ऐसे वक्त में देश को फिर एक जे पी की जरूरत है।
पूर्व सम्पादक तथा साहित्यकार ऋषिकेष कुमार ने कहा कि संपूर्ण क्रांति के माध्यम से जेपी ने व्यवस्था परिवर्तन की बात की थी आज सता का केन्द्रीकरण हो रहा है और उनके संपूर्णक्रांति के सातो आयाम पर सता का हमला जारी है।साहित्यकार विमल कुमार परिमल ने कहा कि कुर्सी पर कोई भी बैठे लेकिन मूल्य प्रतिष्ठापित होना जरूरी है।अतिराष्ट्रवाद तानाशाह को पैदा करता है। मौके पर गांधीवादी चिंतक रामप्रमोद मिश्र, प्रो. विष्णु दयाल साह, किसान मोर्चा के अध्यक्ष जलंधर यदुबंशी, महासचिव आलोक कुमार सिंह, शशिधर शर्मा,चन्द्रदेव मंडल, अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मो.मुर्तजा ,विजय कुमार सिंह,रामबाबू सिंह, सुरेश प्र.,भिखारी शर्मा,अशोक कुमार,आफताब अंजुम,संजीब झा,विश्वदेव सहाय,मृत्युंजय कुमार,मो.नुरैन सहित परिचर्चा मे भाग लेने वाले सभी वक्ताओं ने कहा कि किसान, मजदूर, नवजवान की समस्याओं के साथ लोकतंत्र संकट में है। ऐसे वक्त में देश को जेपी जैसे नेतृत्व की जरूरत है।