सीतामढ़ी /रविशंकर सिंह।
वेटरन्स इण्डिया सीतामढी़ अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संगठन द्वारा लद्दाख के रेजांगला में शहीद हुए जवानों को दीप जलाकर श्रध्दांजलि अर्पित किया। पूर्व सैनिक अनिल कुमार ने बताया अंधेरे और बर्फबारी के बीच चीन ने दक्षिण लद्दाख के रेजांगला में हमला कर दिया था।इस लड़ाई में 114 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, 120 जवानों ने 1300 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा था। जिस जगह भारतीय सैनिकों का अंतिम संस्कार किया गया। वहां रेजांगला मेमोरियल बनाया गया है। जहां 1962 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच ऐसी लड़ाई लड़ी गई, जिसे दुनियाभर की सेना एक मिलास की तौर पर याद करती है। 18 नवंबर, 1962 को रात के अंधेरे में और बर्फबारी के बीच चीन ने दक्षिण लद्दाख के रेजांगला में हमला कर दिया था।उस वक्त वहां कमांड कर रहे थे।मेजर शैतान सिंह। युद्ध के दौरान जब भारतीय सैनिकों की गोलियां ख़त्म हो गईं थीं।तब उन्होंने चाकू-छुरे और पत्थरों का इस्तेमाल करके दुश्मन को मारा था।अंत में भारतीय सैनिक खाली हाथ भी लड़ते रहे।कुल 5 भारतीय सैनिक को बेहद ज़ख्मी हालत में चीन ने बंदी बना लिया था।कुश्तीबाज जवान सिंहराम ने पटक-पटककर मारा था ।चीनी सैनिकों को मल्ल-युद्ध में माहिर कुश्तीबाज सिंहराम ने दस चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। संरक्षक डॉ प्रतिमा आनंद ने बताया शहीद जवानों को याद कर और उनकी गौरव गाथा सुन हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं हमें फक्र है कि हम भारतीय हैं।मौके पर विरेन्द्र यादव, बिहारी झा,मुकेश रजक, संजय प्रसाद, पंकज कुमार, मुकेश यादव, नवीन झा, रविन्द्र यादव, राम इकबाल भगत, लक्ष्मी प्रसाद, पिन्टू कुमार, पंकज झा, सावित्री प्रसाद, रीता देवी, गीता देवी, सीमा देवी, सुधा कुमारी, चन्द्रकला देवी उपस्थित थे।