Swaraj TV 24
देशधर्म

काल सर्प दोष शांति हेतु नागपंचमी को करें पूजन :- आचार्य अभिषेक

स्वराज विशेष। नाग पंचमी इस वर्ष 2 अगस्त मंगलवार को श्रावण मास की पंचमी तिथि को मनाई जायेगी । इस दिन को काल सर्प योग की शांति के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है। मात्र कालसर्प दोष का नाम सुनकर भयभीत होना ठीक नहीं है बल्कि इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करवाकर उससे मिलने वाले प्रभावों और दुष्प्रभावों की जानकारी लेकर उचित उपाय करना श्रेयष्कर होगा। इस मामले में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि इस योग का असर अलग-अलग जातकों पर अलग-अलग प्रकार से देखने को मिलता है। क्योंकि इसका असर किस भाव में कौन सी राशि स्थित है और उसमें कौन-कौन ग्रह बैठे हैं और उनका बलाबल कितना है, इन बिन्दुओं के आधार पर पड़ता है। साथ ही कालसर्प दोष या योग किन-किन भावों के मध्य बन रहा है, इसके अनुसार भी इस दोष/योग का असर पड़ता है।
क्‍या होता है कालसर्प दोष

महर्षि गौतम ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केन्द्र चम्पारण ‘काशी’ के आचार्य अभिषेक कुमार दूबे ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब जन्म कुंडली में सम्पूर्ण ग्रह राहु और केतु ग्रह के बीच स्थित हों तो ऐसी स्थिति को कालसर्प दोष का नाम देते हैं। वर्तमान में इस दोष की चर्चा जोरों पर हैं। किसी भी जातक के जीवन में कोई भी परेशानी हो और उसकी कुण्डली में यह योग या दोष हो तो अन्य पहलुओं पर ध्यान दें। परंतु वास्तविकता यह है वह अन्य ग्रहों के शुभफलदायी होने पर यह दोष योग की तरह काम करता है और उन्नति में सहायक होता है। वहीं अन्य ग्रहों के अशुभफलदायी होने पर यह अशुभफलों में वृद्धि करता है।
यह है दोष का उपाय

भाव स्थिति के अनुसार इस योग या दोष को बारह प्रकार का माना गया है। इस दोष की शांति के लिए नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग नागिन का जोड़ा शिव जी पर चढ़ावे नदी में चांदी के नाग नागिन का जोड़ा बहावे नाग नागिन के जोड़े को मुक्त करावे इस दिन हर घर में दीवार पर कोयले से नाग देवता का चित्र बनाकर पूजा की जाती है एवं दाल बाटी लड्डू बनाकर उसका भोग लगाया जाता है साथ ही रात्रि में घर के बाहर दूध रखा जाता है एवं इस दिन नाग देवता को दूध पिलाकर उनकी पूजा की जाती है।
कुंडली में काल सर्प दोष होने पर व्यक्ति को जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उसके हर काम में बाधा उत्पन्न होती है । इस वजह से उसे मेहनत के मु​ताबिक परिणाम नहीं मिल पाते ।
नाग पंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन करके उनका पूजन करें । उन्हें दूध से स्नान करवाएं । इसके बाद श्रद्धानुसार दक्षिणा समर्पित करें और अपनी भूलचूक की क्षमा मांगे । इसके बाद महामृत्युंजय जप , राहु-केतु का जाप और अनुष्‍ठान करवाएं । इससे काल सर्प दोष का निवारण होता है ।

नाग पंचमी के दिन सर्प के पूजन के बाद घर पर या मंदिर में बैठकर नाग गायत्री मंत्र – ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात् का कम से कम 108 बार जाप करें ।

Related posts

बजाज मोटर्स के संस्थापक मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज का निधन

swarajtv24

हिमाचल में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट, जिंदा जलने से 6 महिलाओं की मौत, 15 घायल

swarajtv24

धर्म :: वट सावित्री व्रत व सोमवती अमावस्या व्रत 30 मई को

swarajtv24

Leave a Comment

मोतिहारी