स्वराज विशेष। दशहरा/विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय पर्व है, जिसे सभी भारतीय बड़े हर्षोल्लास एवं गर्व के साथ मनाते हैं। आश्विन मास में नवरात्र का समापन होने के दूसरे दिन यानी दशमी तिथि को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन खासकर खरीददारी करना शुभ माना जाता है। जिसमें सोना, चांदी और वाहन की खरीदी बहुत ही महत्वपूर्ण है। दशहरे पर पूरे दिनभर ही मुहूर्त होते हैं इसलिए सारे बड़े काम आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा मुहूर्त वाला दिन है जिस दिन बिना मुहूर्त देखे आप किसी भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। आश्विन शुक्ल दशमी को मनाए जाने वाला यह त्योहार ‘विजयादशमी’ या ‘दशहरा’ के नाम से प्रचलित है। यह त्योहार वर्षा ऋतु की समाप्ति का सूचक है। इन दिनों चौमासे में स्थगित कार्य फिर से शुरू किए जा सकते हैं।
दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का दिन भी है। इस दिन घर के दरवाजों को फूलों की मालाओं से सजाया जाता है। घर में रखे शस्त्र, वाहन आदि भी पूजा की जाती है। दशहरे का यह त्योहार बहुत ही पावनता के साथ संपन्न किया जाता है। उक्त बातें महर्षि गौतम ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केन्द्र के आचार्य अभिषेक कुमार दूबे ने चकिया प्रखण्ड स्थित रुदलपकड़ी डुमरी गांव में नवरात्रि के नवम दिवस हवन पूर्णाहुति में बताया । कहा कि नवरात्रि व्रत का पारण बुधवार को प्रातः से तुलसी पत्र द्वारा किया जाएगा ।