मोतिहारी/प्रतिनिधि। बिहार विधान परिषद के चुनाव में ग्राम कचहरियों के पंचों और सरपंचों को मतदान करने का अधिकार मिलें । उक्त बातें एससी एसटी बीसी ओबीसी एंड माइनॉरिटी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक व समाजिक कार्यकर्ता पारसनाथ अम्बेडकर ने चकिया प्रखण्ड के जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र संख्या 35 में भ्रमण के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि वार्ड सदस्य,पंचायत समिति सदस्य,मुखिया,जिला परिषद सदस्य,विधायक, विधानपरिषद,सांसद के चुनाव के तरह ही ग्राम कचहरियों के पंचों और सरपंचों का निर्वाचन आम मतदाताओं के द्वारा ही किया जाता है। पंचों और सरपंचों को बिहार विधान परिषद के चुनाव में मताधिकार करने का अधिकार के लिए महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से आग्रह किया है। पंचों और सरपंचों को बिहार विधान परिषद के चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं देना लोकतंत्र का विरोध है,चाहे इसके लिए संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता है, तो किया जाना चाहिए। परंतु पंचों और सरपंचों को बिहार विधान परिषद सदस्य के चुनाव में मतदान करने का अधिकार दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते हुए मताधिकार करने का अधिकार नहीं दिया गया तो संवैधानिक तरीके से संगठन चरणबद्ध जन आंदोलन चलाने पर बाध्य होगी। जिसकी सारी जवाबदेही शासन-प्रशासन की होगी। अम्बेडकर ने कहा कि बिहार विधान परिषद के चुनाव में हर हालत में पंचों और सरपंचों को मतदान करने का अधिकार अविलम्ब दिया जाए।