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धर्म :: बहन का श्राप भाई के लिए दीर्घायु प्रदान करने वाला, भैया दूज 27 को :- आचार्य अभिषेक

स्वराज न्यूज। इस वर्ष गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को किया जाएगा व 27 को द्वितीया तिथि का उदय हो रहा जो 2/16 मध्याह्न तक रहेगा । इसलिए इसी दिन भैया दूज सूर्योदय से 2/16 तक श्रापन इत्यादि का कार्य किया जाएगा ।
भैया दूज पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है। भैया दूज का उत्सव पूरे भारत भर में धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि इस पर्व को मनाने की विधि हर जगह एक जैसी नहीं है। उत्तर भारत में जहां यह चलन है कि इस दिन बहनें भाई को अक्षत व तिलक लगाकर नारियल देती हैं वहीं पूर्वी भारत में बहनें शंखनाद के बाद भाई को तिलक लगाती हैं और भेंट स्वरूप कुछ उपहार देती हैं। इस पूजा में भाई की हथेली पर बहनें चावल का घोल लगाती हैं उसके ऊपर सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर धीरे धीरे पानी हाथों पर छोड़ते हुए कहती हैं जैसे “गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े”। मान्यता है कि इस दिन अगर बड़े से बड़ा पशु काट भी ले तो यमराज के दूत भाई के प्राण नहीं ले जाएंगे। इस दिन शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं। इस समय ऊपर आसमान में चील उड़ता दिखाई दे तो बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि बहनें भाई की आयु के लिए जो दुआ मांग रही हैं उसे यमराज ने कुबूल कर लिया है या चील जाकर यमराज को बहनों का संदेश सुनाएगा।
पौराणिक मान्यताएं
पौराणिक मान्यता है कि यदि संभव हो तो भैया दूज के दिन भाई बहन को अवश्य ही साथ यमुना स्नान करना चाहिए। इसके बाद भाई को बहन के यहां तिलक करवा कर ही भोजन करना चाहिए। यदि किसी कारणवश भाई बहन के यहां उपस्थित न हो सके, तो बहन स्वयं चलकर भाई के यहां पहुंचे। बहन पकवान−मिष्ठान का भोजन भाई को तिलक करने के बाद कराये। बहन को चाहिए कि वह भाई को तिलक लगाने के बाद ही भोजन करे। यदि बहन सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ भाई के लिए प्रार्थना करे तो वह जरूर फलीभूत होती है। इस दिन बहन के घर दूध – भात खाने से आयु की वृद्धि होती है । उक्त बातें चकिया प्रखण्ड परसौनी खेम स्थित महर्षि गौतम ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केन्द्र के आचार्य अभिषेक कुमार दूबे ने बताया।

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