आश्विन शुक्ल पक्ष, चतुर्थी – पञ्चमी, गुरु वार, 29 सितम्बर 2022 :- कूष्मांड माता पूजन
मन्त्र-
ॐ सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च | दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्मांडा शुभदास्तु मे ||
नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांड माता को मालपुए का भोग लगाएं | इससे बुद्धि और कौशल का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है |
सभी 12 राशियों के लिए शुभ विशेषकर तुला और धनु राशि के लिए
मां कूष्मांड के शरीर की कांति और प्रभा हजारों सूर्य के समान ही अलौकिक है | इसलिए माता को नारंगी या लाल वस्त्र अर्पण करें |
साधक नारंगी लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करके पूजा में बैठें
देवी के चौथे स्वरुप की पूजा करने से मनुष्य के पास रोग और शोक कभी नहीं भटकते हैं | एक और दो शुभ अंक है ।
आज के दिन पूजा करने से दैहिक, दैविक और भौतिक श्रापों से मुक्ति मिलती है | आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है | आधियों-व्याधियों से मुक्ति मिलती है | उक्त बातें रुदलपकड़ी डमरी परशुरामपुर में पूजन के तितृय दिवस महर्षि गौतम ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केन्द्र चम्पारण ‘काशी’ के आचार्य अभिषेक कुमार दूबे ने कहीं