– पिछले साल फकुली ओपी क्षेत्र में वाहन जांच के दौरान अभियंता की कार से मिले थे 18 लाख रुपये, बाद में दरभंगा के किराये के फ्लैट में छापेमारी में मिले 49 लाख रुपये
स्वराज न्यूज/मुजफ्फरपुर। पिछले साल स्कार्पियो व आवास से 67 लाख रुपये बरामदगी के मामले में ग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा के तत्कालीन प्रभारी अधीक्षण अभियंता (कार्यपालक अभियंता) अनिल कुमार को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें पूछताछ के लिए पहले फकुली ओपी पर बुलाया गया था। बाद में शहर में लाकर उनसे पूछताछ की गई। इस दौरान संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। शाम में उन्हें विशेष कोर्ट निगरानी के समक्ष पेश किया गया। यहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अभियंता के परिजनों ने बताया कि दो दिनों से मुजफ्फरपुर पुलिस की ओर से मोबाइल पर काल कर बुलाया जा रहा था। पुलिस अधिकारी पूछताछ के लिए फकुली ओपी पर अभियंता को बुलाए जाने से इन्कार कर रही है। शहर में पहुंचने पर उसे गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की गई है।
बता दें कि पिछले साल 28 अगस्त की सुबह मुजफ्फरपुर-पटना मार्ग एनएच-77 पर कुढऩी थाना के फकुली ओपी के निकट वाहन जांच की जा रही थी। जांच के दौरान अभियंता की कार की सीट के नीचे झोला में रखा 18 लाख रुपये बरामद हुए थे। बाद में दरभंगा के लहेरियासराय थाना के बड़हथ्था रोड स्थित एक अपार्टमेंट में किराये के फ्लैट की तलाशी में 49 लाख रुपया बरामद हुआ था। तत्कालीन फकुली ओपी अध्यक्ष उदय कुमार सिंह के बयान पर कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार के विरुद्ध कुढऩी थाना में आय से अधिक संपत्ति व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तत्कालीन एएसपी पश्चिमी इमरान मसूद को इस मामले का आइओ बनाया गया था। उनके तबादले के बाद डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद को इसका आइओ बनाया गया है।
पिछले साल अगस्त में कार व आवास से बरामद कुल 67 लाख रुपये के मामले में तब हिरासत में लिए गए अभियंता अनिल कुमार को पुलिस ने पीआर बांड पर रिहा कर दिया गया। विधानसभा में मामला आने के बाद पिछले साल दिसंबर में विभाग ने अभियंता को निलंबित कर दिया था। अभियंता की ओर से पारित की गई योजनाओं के भुगतान पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने रोक लगा दी थी।
इस मामले मे एसपी जयंतकांत ने कहा कि पुलिस को पता चला कि अभियंता शहर में आया हुआ है। इसी आधार पर छापेमारी कर उसे पकड़ा गया। उससे पूछताछ की गई। इसमें उसने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।