सूरत12 घंटे पहले
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विकास कामों के लिए राज्य सरकार के अनुदान पर निर्भर रहने वाली महानगर पालिका की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है। वहीं, मोबाइल टावर कंपनियों से पिछले 5 साल से 40 करोड़ रुपए लेना बाकी है। निजी मोबाइल टावर कंपनियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामला कोर्ट में पहुंचने से महानगर पालिका की तिजोरी में 40 करोड़ रुपए की रकम जमा नहीं हो पाई है। यह रकम मिलने से मनपा को कुछ राहत हो सकती है।
बता दें, कुल 80 करोड़ रुपए का पेमेंट बाकी था, जिसमें 40 करोड़ रुपए की रकम जमा हो चुकी है। बकाया 40 करोड़ में से 28 करोड़ आर. कॉम और 12 करोड़ बीएसएनएल से लेने हैं। महनागर पालिका ने ब्याज के साथ बकाया बिल भेजा तो मोबाइल टाॅवर कंपनियां कोर्ट में पहुंच गईं। वर्ष 2016 में मनपा के पक्ष में फैसला आया था। उसके बाद उच्च अदालत में मामला जाने से पेमेंट अटक गया है।
357 करोड़ संपत्ति कर की वसूली कर चुकी मनपामहानगर पालिका को संपत्ति कर के रूप में अब तक 357 करोड़ रुपए की आय हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1700 करोड़ रुपए की डिमांड के सामने 900 करोड़ के बिल जारी हुए हैं। प्रोफेशनल टैक्स में 51 करोड़ रुपए की आय हुई है। संपत्ति कर के बिल जारी होने से मनपा की आय में बढ़ोतरी होने लगी है।
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